UMEED पोर्टल- सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां यूपी से दर्ज, कुल संख्या हुई 92,830

देशभर से 5.17 लाख वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण पूरा, 2.16 लाख को मंजूरी

नई दिल्ली। देशभर की वक्फ संपत्तियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एकीकृत करने के लिए बनाए गए UMEED पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है। छह महीने के भीतर चालू किए गए इस पोर्टल पर कुल 5.17 लाख वक्फ संपत्तियां दर्ज हुई हैं, जिनमें से 2.16 लाख संपत्तियों को औपचारिक मंजूरी भी मिल चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने नवीनतम आंकड़ों के साथ साझा की है।

केंद्र सरकार ने 6 जून 2025 को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट (UMEED) पोर्टल लॉन्च किया था, जिसके तहत वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और पारदर्शी प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाना था। मंत्रालय के अनुसार, निर्धारित छह महीने की समयसीमा 6 दिसंबर 2025 को रात 11:59 बजे पूरी हो गई। इस अवधि में 10,869 संपत्तियां सत्यापन प्रक्रिया में खारिज कर दी गईं।

समयसीमा समाप्त होने से पहले अंतिम सप्ताह में संपत्तियों के पंजीकरण की गति तेज हो गई थी। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्र ने कई समीक्षा बैठकें, ऑनलाइन-ऑफलाइन प्रशिक्षण सत्र और विशेष वर्कशॉप आयोजित कीं। दिल्ली में वक्फ बोर्ड और विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया, ताकि पोर्टल पर संपत्ति अपलोड करने की तकनीकी प्रक्रिया स्पष्ट की जा सके। साथ ही हेल्पलाइन नंबर और सपोर्ट टीम लगातार सक्रिय रही।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां उत्तर प्रदेश से दर्ज की गईं, जिनकी संख्या 92,830 है। इनमें 86,345 सुन्नी समुदाय और 6,485 शिया समुदाय ने पंजीकृत कराई हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 62,939, कर्नाटक में 58,328 और पश्चिम बंगाल में 23,086 संपत्तियों का पंजीकरण हुआ।

वहीं, पंजीकरण अवधि बढ़ाने की मांग पर मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि समयसीमा में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, जिन आवेदकों ने प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन दस्तावेज़ अपलोड पूरे नहीं कर सके, उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है। सरकार का कहना है कि समयसीमा बढ़ाने से पोर्टल की पारदर्शिता और उद्देश्य पर प्रभाव पड़ सकता था।

UMEED पोर्टल का लक्ष्य देशभर की वक्फ संपत्तियों को डिजिटल रिकॉर्ड में लाकर प्रबंधन, निगरानी और विकास कार्यों को अधिक प्रभावी बनाना है। सरकार का दावा है कि यह पहल वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उपयोगिता को एक नई संरचना प्रदान करेगी।

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