धार्मिक आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने पहुंचीं देवभूमि की बेटी भावना पांडे
हरिद्वार। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी, जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष एवँ हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से दमदार प्रत्याशी भावना पांडे ने दलित व अल्पसंख्यक समाज के हित में एक बार फिर आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति उनका अपना है, फिर चाहे वो किसी भी जाति या धर्म से ताल्लुक रखता हो।
जनपद हरिद्वार के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र स्थित सोहालपुर और पिरान कलियर विधानसभा क्षेत्र के इमलीखेड़ा गांव में संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के धार्मिक आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने पहुंचीं देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया एवं संत रविदास जी के मंदिर में मत्था टेककर गुरू का आशीर्वाद प्राप्त किया।
वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जब हमने ये राज्य लिया था तो हम राज्य आन्दोलनकारियों की यही अवधारणा थी कि उत्तराखंड में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का विकास हो, हमने सभी को साथ लेकर पृथक राज्य की कल्पना की थी किन्तु आज दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ कुछ राजनीतिक दलों द्वारा अन्याय किया जा रहा है। जिस वजह से ये समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि हरिद्वार क्षेत्र के भीतर आज दलित व अल्पसंख्यक समाज स्वयं को असहाय महसूस करता है किन्तु अब ऐसा नहीं होगा, वे किसी के भी साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि वे इन लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगी और सदैव समाज के लोगों के दुख-सुख में साथ खड़ी रहेंगी। जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि कोई भी समस्या होने पर लोग उनसे संपर्क कर सकते हैं, वे आम जनता के हित में हमेशा आवाज उठाती रहेंगी।
समाजसेवी भावना पांडे ने भाजपा और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के नेता आम जनता के हित में कोई कार्य करना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि मन में काम करने की इच्छा होनी चाहिए, इसके लिए जरूरी नहीं कि आपके पास कोई पद हो, बस सही को सही और गलत को गलत बोलने की हिम्मत जुटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक सामान्य नागरिक होने के बावजूद भी वे जनसमस्याओं के निवारण के हर संभव प्रयास कर रही हैं और भविष्य में भी उनका ये प्रयास जारी रहेगा।