उत्तराखण्ड

बिंदु खड़क गांव पहुंची जेसीपी प्रत्याशी भावना पांडे, सुनी ग्रामीणों की समस्याएं

हरिद्वार। वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी, जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष एवं हरिद्वार लोकसभा सीट से जेसीपी की धाकड़ प्रत्याशी भावना पांडे ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर क्षेत्र में अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। वे लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुन रही हैं एवं उनका दुख-दर्द बांटती हुई दिखाई दे रही हैं। इसी क्रम में उन्होंने भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के बिंदु खड़क गांव का मुआयना किया।

बिंदु खड़क गांव के मौजूदा हालातों को देख जेसीपी प्रत्याशी भावना पांडे ने अफसोस जताया। वहीं अपना रोष जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि आज पूरे क्षेत्र की हालत दयनीय है और कोई ग्रामीणों की सुध लेने वाला नहीं है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कभी जनता की तकलीफों को दूर करने का प्रयास नहीं करते परिणाम स्वरूप जनता बुरी तरह से त्रस्त है।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ अपना प्रचार-प्रसार कराने का शौंक है, आम जनता के दुख-दर्द से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने क्षेत्रवासियों के हित में कोई कार्य नहीं किया। भावना पांडे ने कहा कि किरन चौधरी को लोगों के पोस्टरों के उपर अपने पोस्टर चिपकाने की बजाय क्षेत्र में जाकर जनता की हालत देखनी चाहिए और क्षेत्र में काम करवाना चाहिए।

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि किरन चौधरी ने जनता के वोट पाने के बाद दोबारा इस क्षेत्र में पलटकर नहीं देखा। आज क्षेत्र की स्थिति बेहद दयनीय है। मार्गों की हालत बेहद खराब है, किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है और ग्रामीण बुरे दौर से गुजर रहे हैं किन्तु बावजूद इसके जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी व किसी अन्य नेता ने ग्रामीणों की मदद करने एवं उन्हें राहत पहुंचाने का कार्य नहीं किया।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण पूरे हरिद्वार क्षेत्र में जलभराव होने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये थे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का भारी नुकसान हुआ है। गन्ने व चरी आदि की अधिकांश फसलें खराब हो चुकी हैं, कईं जगहों पर लोगों के मकान, सड़कें व पुल आदि क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जलभराव क्षेत्रों का मुआयना करवाकर प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की जाए एवं मुआवजे के तौर पर किसानों को दस हजार रूपये प्रति बीघा के हिसाब से धनराशि दी जाए। वहीं क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए पीड़ित ग्रामीणों को एक लाख रूपये का मुआवजा प्रदान किया जाए।

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