अपराधराष्ट्रीय

फर्जी इनकम टैक्स अफसर बनकर मारा छापा, जानिए पूरा मामला

मुंबई। महानगर मुंबई की एक अदालत ने खुद को आयकर अधिकारी (इनकम टैक्स अफसर) बताकर एक व्यवसायी के घर में 1.65 करोड़ रुपये की चोरी करने के मामले में 9 लोगों को दोषी ठहराया है और उनमें से 6 को 10 साल कैद और बाकी तीन को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। डिंडोशी अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम.आई. लोकवानी ने एक फरवरी को पारित आदेश में कहा कि अपराध “गंभीर प्रकृति का” था। अदालत ने आरोपियों को डकैती, अनधिकार प्रवेश और अपहरण के लिए भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत किए गए अपराधों का दोषी ठहराया।

आयकर अधिकारी बनकर आए और सामान किया जब्त

व्यवसायी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, घटना से 20 दिन पहले उसका एक परिचित मुंबई के चारकोप इलाके में उसके घर आया और उसे कुछ दिनों के लिए रखने के लिए दो बैग दिए। दोनों के बीच अच्छे संबंध होने के कारण शिकायतकर्ता उन बैगों को अपने घर में रखने को तैयार हो गया। उसने तुरंत बैग को अपने घर में अलग अलमारी में बंद कर दिया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि बैग अलमारी में रखे हुए थे, इस बात की जानकारी शिकायतकर्ता के अलावा केवल उसकी पत्नी को थी। उन्होंने कहा कि दो जून, 2015 को आयकर अधिकारियों के रूप में व्यक्तियों का एक समूह व्यवसायी के घर आया और 35 मिनट की तलाशी के बाद मोबाइल फोन जब्त कर लिए तथा उन्हें वे दो बैग भी मिले। बैग में 40 लाख रुपये के आभूषण, एक करोड़ रुपये नकद और 25 लाख रुपये की भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाई घड़ियां थीं।

परिवार वालों को कमरे में किया था बंद
अभियोजन पक्ष ने कहा कि उन्होंने शिकायतकर्ता के परिवार के सदस्यों को एक कमरे में बंद कर दिया और शिकायतकर्ता को उनके साथ वर्ली स्थित आयकर कार्यालय चलने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वे उसे और दो बैग एक कार में ले गए। लेकिन थोड़ी दूर ले जाने के बाद शिकायतकर्ता को अचानक कार से उतार दिया और दोपहर में कार्यालय आने का निर्देश दिया। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के दौरान शिकायतकर्ता और उसके परिवार सहित 21 गवाहों का परीक्षण किया।

अदालत ने कृत्य को बताया डकैती 
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों के समग्र कृत्य पर्याप्त रूप से यह स्पष्ट करते हैं कि उन्होंने अपनी आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए डकैती की है और पूर्व नियोजित मंशा के साथ उन्होंने शिकायतकर्ता के घर में जबरन प्रवेश किया। अदालत ने कहा, “इस घटना में, उन्होंने (आरोपियों) एक लोक सेवक, आयकर अधिकारी की तरह अपने आपको पेश किया। उन्होंने शिकायतकर्ता की पत्नी और बच्चों को अंदर से और बाद में घर के बाहर से ताला लगाकर गलत तरीके से बंधक बनाया।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button