उत्तराखण्ड

शिक्षकों ने किया कार्यबहिष्कार, पांच सितंबर को भी करेंगे विरोध

शिक्षक पांच सितंबर को काली पट्टी बांध शिक्षक दिवस का भी बहिष्कार करेंगे। कहा कि भर्ती रद्द की जाए और पदोन्नति से प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पद भरे जाएं।

देहरादून। प्रधानाचार्य के पदों पर विभागीय सीधी भर्ती के विरोध में शिक्षकों ने पूरे प्रदेश में चॉक डाउन करने के साथ कार्य बहिष्कार किया। शिक्षकों ने कहा, भर्ती रद्द कर पदोन्नति से प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पद भरे जाएं। यदि मांग पर जल्द अमल नहीं हुआ तो शिक्षक पांच सितंबर को काली पट्टी बांधकर शिक्षक दिवस का भी बहिष्कार करेंगे।

प्रदेशभर में शिक्षक हर रोज की तरह सुबह स्कूल पहुंचे, लेकिन उन्होंने छात्र-छात्राओं को नहीं पढ़ाया। स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार किया। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्युली के मुताबिक, सीधी भर्ती शिक्षकों के साथ अन्याय है।

इस भर्ती से शिक्षकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि पदोन्नति के पद कम रह गए, जबकि छठे वेतन आयोग में प्रावधान था कि अब शिक्षक प्रशासनिक संवर्ग में नहीं जाएंगे और पदोन्नति के दो स्तर प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य के पद शत प्रतिशत पदोन्नति के रहेंगे, लेकिन 2022 में सरकार ने विभागीय सीधी भर्ती के लिए जो नियमावली बनाई, संघ लगातार विरोध करता आ रहा है।

शिक्षक संगठनों के विरोध के बावजूद सरकार ने सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा की तैयारी कर ली। चार दिसंबर 2023 को राजकीय शिक्षक संघ का शिक्षा महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में जो समझौता हुआ था, उस पर भी अमल नहीं हुआ। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा, जब तक भर्ती रद्द नहीं होती, संगठन का आंदोलन जारी रहेगा।

आंदोलन को एसोसिएशन का भी मिला समर्थन
सीधी भर्ती के विरोध में चल रहे आंदोलन को उत्तराखंड अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन ने समर्थन दिया। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा ने कहा, एसोसिएशन से जुड़े प्राथमिक से लेकर माध्यमिक और अशासकीय विद्यालयों के शिक्षक भी आंदोलन में शामिल हुए। कहा, मात्र 10 प्रतिशत शिक्षकों को लाभ देने के लिए यह भर्ती की जा रही है।
प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा विभाग एकमात्र विभाग है, जिसमें एक पद के लिए दो तरह से पदोन्नति की जाएंगी। इससे स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग के अफसरों ने शिक्षा मंत्री के सामने सही तथ्य नहीं रखे। इस भर्ती और नियमावली को सरकार रद्द करे। -डाॅ. सोहन माजिला, पूर्व प्रांतीय महामंत्री, राजकीय शिक्षक संघ
प्रदेशभर में शिक्षकों का आंदोलन सफल रहा। सीधी भर्ती 90 प्रतिशत शिक्षकों के साथ अन्याय है, जिसे रद्द न करने तक शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा। -राम सिंह चौहान, प्रांतीय अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ।
सीधी भर्ती के समर्थन में आए कुछ प्रवक्ता
सरकारी विद्यालयों के कुछ प्रवक्ताओं ने प्रधानाचार्य पद पर विभागीय सीधी भर्ती का समर्थन किया है। प्रवक्ताओं का कहना है कि प्रदेश में कई विद्यालय आज खुले रहे। प्रवक्ताओं के मुताबिक, प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के 80 प्रतिशत पद खाली हैं। सीधी भर्ती के लिए इसी माह 29 सितंबर को लिखित परीक्षा होनी है।

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