उत्तराखण्ड

दस गांवों का मुख्यालय से संपर्क कटा, कुंड-ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर हाईवे का 70 मीटर हिस्सा ध्वस्त

Uttarakhand Rainfall: आकाशकामिनी नदी के तेज बहाव से हो रहे कटाव से कुंड-ऊखीमठ-मंडल-गोपेश्वर हाईवे बदहाल हो गया है।

ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से ताला में कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे का 70 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया जबकि तीन सौ मीटर हिस्से में सड़क वाहनों के चलने लायक नहीं रह गई है। हाईवे ध्वस्त होने से जहां 10 गांवों का तहसील और जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है वहीं ग्रामीणों को अब गंतव्य तक जाने के लिए आठ किमी पैदल चलना पड़ेगा।

क्षेत्र में बीते चार दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से जनजीवन व्यापक प्रभावित हो चुका है। आकाशकामिनी नदी के तेज बहाव से हो रहे कटाव से कुंड-ऊखीमठ-मंडल-गोपेश्वर हाईवे बदहाल हो गया है। मस्तूरा से ताला बाजार से वन चौकी तक हाईवे का तीन सौ मीटर से अधिक हिस्सा भू-धंसाव से बदहाल हो चुका है।

अब बृहस्पतिवार को ताला बाजार में हाईवे का 70 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। हाईवे बाधित होने से तुंगनाथ घाटी के उषाड़ा, पापड़ी, बरंगाली, मक्कू समेत 10 कई गांवों का तहसील मुख्यालय ऊखीमठ व जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से सीधा संपर्क कट गया है।

साथ ही तृतीय केदार तुंगनाथ और पर्यटक स्थल चोपता तक भी नहीं जा सकेंगे। ग्वाड-ढिलना निवासी जगदीश पंवार, महावीर पंवार व दिनेश पंवार ने कहा कि बीते एक माह से गांव को जोड़ने वाला ताला-बरंगाली-मक्कूमठ मार्ग क्षतिग्रस्त होने से घरों तक पहुंचने के लिए लोग दो किमी पैदल चल रहे थे।

अब हाईवे ध्वस्त होने से ग्रामीणों के लिए पैदल दूरी बढ़कर आठ किमी हो गई है। बरंगाली के ग्राम प्रधान महावीर सिंह नेगी का कहना है कि अब गांव के बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए कई किमी पैदल चलना पड़ेगा।

इधर, एनएच के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि हाईवे का जल्द टीएचडीसी के विशेषज्ञों के साथ निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान भूस्खलन व भू-धंसाव जोन के स्थायी मरम्मत के प्रयास किए जाएंगे।

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