उत्तराखण्ड

केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी कसरत कर रहे धामी : भावना पांडे

भावना पांडे ने कहा कि केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है, साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है।

देहरादून। उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों में से एक केदारनाथ धाम के नाम पर इन दिनों सियासत तेज हो गई है। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में केदारनाथ पर सियासी घमासान जारी है। कांग्रेस ने बुधवार को हरिद्वार से केदारनाथ की प्रतिष्ठा की रक्षा के नाम पर पद यात्रा शुरू कर दी। इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अचानक केदारनाथ पहुंच कर बाबा केदार के दर्शन किए और वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया।

इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने धामी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने भाजपा पर केदारनाथ धाम के नाम पर सियासी फायदा उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा अचानक केदारनाथ धाम पहुंचकर पूजा करना संयोग नहीं बल्कि कांग्रेस पर पलटवार की रणनीति हैं। उनके मुताबिक, ये सारी सियासी कसरत केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर है, जो भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो चुकी है।

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में बनने जा रहे मंदिर के नाम पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधामों में से एक पवित्र केदारनाथ धाम में साक्षात बाबा केदार विराजते हैं। केदारनाथ धाम देवभूमि उत्तराखंड की आन-बान व शान हैं। केदारनाथ धाम के नाम पर कहीं और दूसरा मंदिर बनाना कतई उचित नहीं है क्योंकि केदारनाथ धाम दूसरा कोई हो नहीं सकता।

उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर वे केदारनाथ धाम के नाम पर सियासत क्यों कर रहे हैं। अगर दिल्ली में मंदिर बनाना ही है तो किसी और भगवान का भी बनाया जा सकता है किन्तु बाबा केदार के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल कर करोड़ों भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है।

भावना पांडे ने कहा कि सीएम धामी ये कहते फिर रहे हैं कि जो भक्त केदारनाथ धाम के दर्शन करने देवभूमि नहीं पहुंच सकता वो दिल्ली में ही बाबा केदार के दर्शन कर सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ऐसा कैसे कह सकते हैं? क्या हमारी आस्था के केन्द्र हमारे देवी-देवताओं के मंदिरों को आप इधर-उधर कर सकते हो, धर्म के साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार आखिर आपको किसने दिया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है, साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है।

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