उत्तराखण्ड

चकराता में क्षतिग्रस्त हुईं पेयजल लाइनें, जान जोखिम में डाल पानी लाने को मजबूर हुए लोग

चकराता। बीते दिनों हुई बर्फबारी से ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई है। बर्फबारी से लोखंडी व लोहारी गांव के लिए बनी पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान महिलाएं खतरा उठाकर खाई में लटकी हुई टूटी पेजयल लाइन से पानी भर रही हैं। इस समस्या को हल करने के प्रति अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।

लोखंडी क्षेत्र में इस सीजन में तीन बार हिमपात हो चुका है। पर्यटकों के लिए बर्फबारी आनंद का साधन है, लेकिन बर्फबारी के कारण लोखंडी, लोहारी, जाड़ी आदि गांव में बसे लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। ग्रामीणों को सड़क, बिजली, पानी आदि की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीण कहीं पर बर्फ पिघला कर पानी की जरूरत पूरा कर रहे हैं तो कही पर क्रैश बेरियर के सहारे खाई में लटकी पेयजल लाइन से पानी भर रहे हैं।

पांच दिन से लोखंडी व लोहारी की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त

इस संबंध में ग्रामीण प्रताप राणा, जयपाल सिंह, दिनेश चौहान, रमेश चौहान, रोहन राणा, धूम सिंह चौहान, शेर सिंह चौहान, कुंवर सिंह राणा, कर्म सिंह चौहान, शूरवीर सिंह चौहान, भोपाल पंवार, सुरेश पंवार आदि का कहना है कि बर्फबारी के कारण पिछले पांच दिन से लोखंडी व लोहारी की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त है। इससे दोनों गांव में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई।

अधिकारियों से पेयजल लाइन को ठीक करने की मांग

ग्रामीण जल संस्थान के अधिकारियों से पेयजल लाइन को ठीक कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालत यह है कि जल संस्थान का लाइनमैन व जेई भी क्षेत्र में नहीं हैं। वहीं, इस संबंध में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता राजेश निर्वाल का कहना है कि मरम्मत का जिम्मा जल संस्थान की रिपेयर विंग के पास है। उन्हीं के स्तर से यह समस्या हल होगी।

आधा किमी दूर से ढोना पड़ रहा पानी

लोहारी गांव निवासी सावित्री देवी, सोनाली, उर्मिला देवी, ममता, गुडिया, करीना आदि का कहना है कि बर्फबारी से लोखंडी-लोहारी की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त है। उन्हें बर्फ में आधा किमी का सफर तय कर टूटी हुई पेयजल लाइन के पास पहुंचकर खतरा उठाकर पानी लाना पड़ रहा है। बर्फ अधिक होने से पानी लाने में समस्या हो रही है। कई बार बर्फ को पिघलाकर काम चलाना पड़ रहा है।

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