उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा करेंगे सपा-बसपा, दोनों पार्टियों ने कसी कमर

देहरादून। आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के लिए बसपा के साथ ही समाजवादी पार्टी भी मुश्किलें पैदा करेगी। सपा ने कांग्रेस से गठबंधन होने की सूरत में राज्य की हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट पर दावा पेश किया है। गठबंधन कामयाब न होने की स्थिति में पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारने की भी तैयारी है।

प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। आगामी चुनाव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही कांग्रेस या इंडिया गठबंधन में शामिल होने से इंकार कर चुकी हैं। उन्होंने 20 जनवरी को प्रदेश के नेताओं की बैठक बुलाकर आगामी चुनाव में पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी को लेकर निर्देश भी दे दिए हैं। बसपा ने इसकी तैयारी तेज कर दी है।

हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट पर बसपा का वोटबैंक कई विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा को प्रदेश में भले ही सभी सीटों पर हार मिली थी लेकिन 2,16,755 यानी 4.53 प्रतिशत वोट मिले थे। इससे पहले 2014 के चुनाव में बसपा को 4.78 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार पार्टी इस वोटबैंक को और मजबूत करने में जुट गई है। पार्टी अध्यक्ष चौधरी शीशपाल सिंह के अलावा प्रदेश प्रभारी शम्सुद्दीन राइन भी राज्य में बैठक लेकर अपनी जीत की तैयारी कर रहे हैं।

दोनों ही सूरत में कांग्रेस के लिए मुश्किल

समाजवादी पार्टी का इतिहास देखें तो वर्ष 2004 में पार्टी प्रत्याशी राजेंद्र कुमार बाड़ी ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर 2,12,085 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में प्रदेश में पार्टी का वोट शेयर 7.93 प्रतिशत था। तब से इस सीट को सपा हमेशा अपने लिए मुफीद मानती आ रही है। इस बार गठबंधन होने की सूरत में भी सपा हरिद्वार व नैनीताल लोकसभा सीट पर दावेदारी पेश कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राकेश पाठक का कहना है कि इन दोनों सीटों पर पार्टी के लिए अपेक्षाकृत जीत की राह आसान है। उन्होंने ये भी कहा कि गठबंधन कामयाब न होने की सूरत में उनकी पार्टी पांचों सीटों पर चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेगी। दोनों ही सूरत में कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा होंगी।

हरिद्वार-नैनीताल पर क्यों है नजर

सपा नेताओं की मानें तो हरिद्वार में धर्मपुर विधानसभा सीट को छोड़कर ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में उनका वोट बैंक अच्छा है। इसी प्रकार, नैनीताल लोकसभा क्षेत्र में भी ऊधमसिंह नगर, हल्द्वानी समेत कई शहरों में पार्टी कॉडर वोट मजबूत मानती है। दूसरी ओर, बसपा का तर्क है कि हरिद्वार लोकसभा में भगवानपुर समेत कई विधानसभा ऐसी हैं, जहां उनका कॉडर वोट और पिछड़ा वर्ग का वोट काफी है। नैनीताल सीट पर भी पार्टी नेता इसी गणित को जीत का सूत्र मानते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button