उत्तराखण्ड

तरस रही आम जनता, कभी क्षेत्रवासियों की सुध लेने नहीं आये भाजपा सांसद : भावना पांडे

हरिद्वार। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी, जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष एवँ हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से दमदार प्रत्याशी भावना पांडे ने भाजपा की डबल इंजन की सरकार पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ आम जनता को गुमराह करना जानती है, लोगों की तकलीफों से भाजपा को कोई सरोकार नहीं है।

हरिद्वार लोकसभा सीट से धाकड़ प्रत्याशी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा के सांसद ने अपने कार्यकाल के दौरान हरिद्वार क्षेत्र की जनता के हित में कोई कार्य नहीं किया। हरिद्वार क्षेत्र विकास के दृष्टिकोण से आज भी पिछड़ा हुआ है, ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है किन्तु भाजपा सांसद कभी क्षेत्रवासियों की सुध लेने नहीं आये।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि ना सिर्फ हरिद्वार क्षेत्र बल्कि पूरे प्रदेश की हालत आज खराब है। राज्य के बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में सड़कों पर ठोकरें खाने को विवश हैं, वहीं प्रदेश की मातृशक्ति आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। इसके साथ ही किसानों की हालत दयनीय है, उन्हें फसलों का उचित भुगतान नहीं किया जा रहा है।

देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है किन्तु इसका पूरा श्रेय भाजपा लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि ये वही भाजपा है जिसने वर्षों भगवान श्रीराम को टैंट में रखा, यदि भाजपा चाहती तो काफी पहले ही मंदिर निर्माण हो चुका होता किन्तु भाजपा नेताओं द्वारा आज खुलेआम श्रीराम के नाम पर राजनीति की जा रही है, ये वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है।

सांसद प्रत्याशी भावना पांडे ने भाजपा नेताओं पर तीखा वार करते हुए कहा कि बीजेपी के नेता धर्म के नाम पर देश को बांटने का कार्य कर रहे हैं, जबकि ‘कोई भी मजहब आपस में बैर रखना नहीं सिखाता।’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत जबरन काला कानून आम जनता पर थोपा जा रहा है। ये सरासर गरीब चालकों के साथ अन्याय है। भावना पांडे ने कहा कि वे भाजपा के इस काले कानून का पुरजोर विरोध करती हैं। उन्होंने कहा कि उनका पूर्ण समर्थन वाहन चालकों के साथ है, उन्होंने इस काले कानून को लागू ना करने व इसे पूर्ण रूप से वापस लेने की मांग की।

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