उत्तराखण्ड

आपदा ने दिए गहरे जख्म, तबाही के सैलाब में बह गई जिंदगियां

देहरादून। उत्तराखंड में भारी बरसात लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। मानसून सीजन में एक जून से अब तक 70 दिनों में नदी-नालों में डूबने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में 132 लोग जान गंवा चुके हैं। कई लोग लापता भी हो गए, जिनकी तलाश जारी है। पिछले वर्ष जून से सितंबर तक 244 लोगों ने जान गंवाई थी।

प्रदेश भर में जून से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के चलते विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन, जल भराव के साथ ही नदी-नाले और नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन और नदी-नालों में बहने से लोग जान गंवा रहे हैं। एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में मुस्तैद हैं।

एक जून से अब तक विभिन्न घटनाओं में एसडीआरएफ ने 1226 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया है। 132 शवों को भी बरामद किया है। वहीं, गौरीकुंड भूस्खलन हादसे में अभी भी 18  लोग लापता हैं। पिछले वर्ष जून से सितंबर तक नदी-नाले में बहने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में मौत का आंकड़ा 244 था। इस अवधि में एसडीआरएफ ने 2193 लोगों का सफल रेस्क्यू बचाया भी था।

जून से अब तक 132 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। कई घटनाओं में सफल रेस्क्यू चलाकर घायलों को त्वरित अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई गई है।

– मणिकांत मिश्रा, कमाडेंट एसडीआरएफ

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