उत्तराखण्ड

ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने ‘फ़ायर लेस कुकिंग’ प्रतियोगिता में किया प्रतिभाग

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित सहगल एवं कोऑर्डिनेटर पूजा वर्मा भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और रुचि के नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

देहरादून। लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल के छात्र छात्राओं के लिए शुक्रवार एवं शनिवार को फायरलेस कुकिंग का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में स्कूल के विभिन्न वर्गों के छात्र-छात्राएं हिस्सा लिया। हर वर्ग में, छात्रों ने अपनी विशिष्ट रसोईघर कौशल को प्रदर्शित किया | छात्रों ने बिना किसी ईंधन की सहायता के जैसे गैस, माइक्रोवेव, इंडक्शन आदि का प्रयोग किए बिना स्वादिष्ट व्यंजन बनाए। छात्रों ने भेलपुरी, केक, शेक, फ्रूट सैलेड, विभिन्न प्रकार के सैंडविच, फ्रूट चाट, वेजिटेबल रायता, चना चाट, ब्रैड पिज़्ज़ा, मैगी चाट, बर्गर, फ्रूट कस्टर्ड और नींबू पानी जैसी स्वादिष्ट चीजें तैयार की और बिना आग के भी खाना पकाने में अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित की।

युवा रसोइयों ने कई नवीन व्यंजन पेश कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर समस्त स्टाफ ने बच्चों के साथ मिलकर उनकी विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में सहायता की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित सहगल एवं कोऑर्डिनेटर पूजा वर्मा भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और रुचि के नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। बच्चे उत्साह से भर गए जब उन्होनें शेफ की भूमिका निभाई। नन्हे रसोइयों ने अपने एप्रन और टोपी पहनकर स्वस्थ एवं पौष्टिक व्यंजन बनाए।

हिंदी की अध्यापिका ऊषा चौहान ने कहा कि बच्चों के साथ खाना बनाना केवल सामग्री व्यंजनों और खाना पकाने के बारे में नहीं है। यह कल्पना और रचनात्मकता को बढ़ाना है। बिना आग के भी खाना बनाना संभव है। ‘फेयर लेस कुकिंग’ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य था छात्रों को खाना बनाने की कला में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को साक्षात्कार करने का मौका देना। इसके साथ ही, छात्रों को आग के बिना कैसे खाना बनाया जा सकता है इसका प्रदर्शन करने का भी अवसर मिला।

ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोउल्लास के साथ मनाया : “हरेला पर्व”

प्रकृति का सानिध्य हर किसी को पसंद होता है। वहीं सावन में प्रकृति की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। बारिश की फुहारें जहाँ गर्मी से निजात दिलाती हैं, वहीं इसके बाद मिट्टी की खुशबू मन को आनंदित कर देती है। इसी सावन से जुड़े लोक पर्व हरेला को ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल कोठड़ी (मांडूवाला) में दिनांक 17 जुलाई को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित सहगल एवं कोऑर्डिनेटर पूजा वर्मा की ओर से सुनहरा सरू (Golden Cyprus) का पौधा लगाकर किया गया। विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने फल, फूल एवं औषधीय पौधों का रोपण किया। जिसमें नीम, नींबू, गिलोय और अशोक के पौधे लगाए गए।

दिनांक 17 जुलाई को हरेला पर्व का अवकाश होने के कारण विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 18 जुलाई को शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के नेतृत्व में पौधे रोपण किए। शिक्षकों ने हरेला पर्व की विशेषताओं से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया और उन्हें पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया।

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