उत्तराखण्ड

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी सुशीला बलूनी को अन्तिम विदाई देने पहुंची जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे

हरिद्वार। उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उनके निधन से प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती।

गौरतलब है कि वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी तथा उत्तराखण्ड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का अन्तिम संस्कार बुधवार को खड़खड़ी शमशान घाट पर किया गया। इस दौरान उन्हें अन्तिम विदाई व विनम्र श्रद्धांजलि देने पहुंची जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा- उत्तराखंड राज्य के लिए सुशीला दीदी द्वारा किये योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, वे हमारे हृदय एवं स्मृतियों में सदैव जीवित रहेंगी।

भावना पांडे ने नम आखों से सुशीला बलूनी को विदाई देते हुए कहा कि कुछ वर्ष पूर्व सुशीला दीदी से प्रकाश पंत जी के निवास पर मुलाकात हुई थी, उस वक्त उन्होंने कहा था कि हमने बड़ा संघर्ष करके राज्य लिया है, अब आप लागों का कर्तव्य है इस राज्य को बचाने का। उन्होंने सुशीला बलूनी के निधन पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा कि सुशीला दीदी के चले जाने से हम राज्य आन्दोलनकारियों को बहुत बड़ी क्षति हुई है, जो कभी पूरी नहीं हो पायेगी।

उन्होंने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए सुशीला दीदी ने काफी संघर्ष किया और अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि सुशीला दीदी जैसे राज्य आन्दोलनकारियों की बदौलत ही हमने राज्य प्राप्त किया है और जब आज लोग राज्य आन्दोलनकारियों को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं तो गर्व महसूस होता है।

भावना पांडे ने कहा कि सुशीला दीदी अक्सर कहा करती थीं कि जिस उद्देश्य को लेकर हमने उत्तराखंड राज्य लिया था, हमारे सपनों का वो उत्तराखंड हमें नहीं मिल पाया है। राज्य के नेता आन्दोलनकारियों को वो सम्मान नहीं देते जिसके वो हकदार हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की सरकारों द्वारा आन्दोलनकारियों की उपेक्षा से सुशीला दीदी बहुत आहत थीं।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि जब उन्होंने अपने राजनीतिक दल जनता कैबिनेट पार्टी का गठन किया तो उन्होंने सुशीला बलूनी के सामने अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव रखा था किन्तु सुशीला दीदी ने यह कहकर मना कर दिया था कि अब उनकी उम्र हो चुकी है, अब उनकी शारीरिक क्षमता नहीं है लेकिन उनका आर्शीवाद सदा बना रहेगा। भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को लेकर देखे गये सुशीला दीदी के सपनों को पूरा करने की उनकी जिम्मेदारी है जिसे वे पूरा करेंगी। उन्होंने सभी राज्य आन्दोलनकारियों एवं प्रदेश की जनता से एकजुट होने आन्दोलनकारियों व शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने का आह्वान किया।

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