उत्तराखण्ड

ऋषिकेश एम्स से बर्खास्त कर्मचारियों को समर्थन देने पंहुची भावना पांडे, सरकार पर साधा निशाना

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। हमेशा से ही जनसेवा के कार्य करने वाली एवं उत्तराखंड के ज्वलंत मुददों को बेबाकी के साथ उठाने वाली भावना पांडे अब ऋषिकेश के एम्स अस्पताल से निकाले गये कर्मचारियों के समर्थन में सामने आईं हैं। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने सरकार पर बड़ा हमला बोला।

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि लगभग 214 लोगों को एम्स में नौकरी करते हुए कईं वर्ष हो गये हैं किन्तु बिना कोई कारण बताये अचानक इन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नया अधिकारी यहां तैनात होता है तो वो किसी नई एजेंसी को ठेका दे देता है तथा पुराने कर्मचारियों को बाहर कर दिया जाता है, जो सरासर अन्याय है और बिलकुल गलत है।

उन्होंने एम्स प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि कहने को तो ये हमारे उत्तराखंड का एम्स है किन्तु हमारे युवाओं को मुश्किल से ही यहां नौकरी मिल पाती है और जो युवा आउटसोर्सिंग के माध्यम से यहां काम कर रहे हैं उन्हें भी अचानक से निकाल बाहर कर दिया जाता है। उन्होंने उत्तराखंड की धामी सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऋषिकेश एम्स अस्पताल से निकाले गये कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखा जाए।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में वैसे ही बेराजगारी फैली हुई है, उस पर कार्यरत कर्मचारियों को भी नौकरियों से बाहर किया जा रहा है। ऐसे में इन कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों में से अधिकांश किराये पर रहते हैं, नौकरी चले जाने की वजह से ये लोग मकान का किराया व स्कूल के बच्चों की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखंड की मासूम जनता के साथ ये अन्याय क्यों ? आखिर कब तक भाजपा की डबल इंजन की सरकार आम जनता पर अत्याचार करती रहेगी।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि ऋषिकेश का एम्स अस्पताल बेराजगारी का केन्द्र बन चुका है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि यहां ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से समाप्त किया जाए और भुखमरी की कगार पर पंहुच चुके बर्खास्त कर्मचारियों की नौकरियों को तत्काल बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया तो वे इन कर्मचारियों के हित में बड़ा आन्दोलन करेंगी, जिसकी गूंज दिल्ली तक पंहुचेगी।

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