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हमले के बाद बैकफुट पर पुलिस, रिहा होगा लवप्रीत तूफान

पंजाब। अमृतसर के अजनाला में गुरुवार को जमकर बवाल हुआ। अजनाला पुलिस स्टेशन पर काफी संख्या में जुटे खालिस्तान समर्थकों ने धावा बोल दिया। समर्थकों के हाथ में तलवारें-बंदूक और लाठी-डंडे थे। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने सदस्य लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग को लेकर जमकर बवाल काटा। हथियारबंद उपद्रवियों ने उत्पात मचाया तो उनके सामने पुलिस भी नाकाम दिखी। देखते ही देखते अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने पुलिस स्टेशन को कब्जे में ले लिया। अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत को पुलिस ने अगवा और मारपीट के आरोप में हिरासत में लिया था, जिसकी रिहाई के लिए बड़ा बवाल मचा।

आज लवप्रीत तूफान होगा रिहा

अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों का कहना था कि लवप्रीत की कोई गलती नहीं थी। इसके बाद आज पंजाब पुलिस हंगामे के बाद बैकफुट पर आ गई है और कहा है कि लवप्रीत को रिहा किया जाएगा। अमृतसर के एसएसपी ने कहा है कि लवप्रीत तूफान को रिहा किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने सबूत पेश किए कि वह मौके पर मौजूद नहीं था। हम इसे कोर्ट में जमा कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर फोर्स तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। अजनाला कोर्ट ने तूफ़ान सिंह के रिलीज़ करने के ऑर्डर दे दिए हैं और अब थोड़ी देर में अमृतसर जेल से रिहा होगा लवप्रीत तूफ़ान सिंह।

लवप्रीत तूफान को पुलिस ने लिया था हिरासत में

दरअसल, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर चमकौर साहिब निवासी वरिंदर सिंह को अगवा करने और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। बरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि अमृतपाल सिंह के साथियों ने उसे अजनाला से अगवा कर लिया था और एक अज्ञात स्थान पर ले गए जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। उसकी इस शिकायत पर पुलिस ने अमृतपाल सिंह और समर्थकों पर केस दर्ज किया था और इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।

हंगामे की ये थी वजह

लवप्रीत तूफान को हिरासत में लिए जाने के बाद अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक सड़कों पर उतर आए और थाने का घेराव किया। अमृतपाल के समर्थक गाड़ी लेकर पहुंचे थे जिसमें पावन ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब भी रखा था।  पुलिस की अपील के बावजूद समर्थकों ने बैरीकेड्स तोड़ दिए और पुलिस स्टेशन पर तलवार और बंदूक से हमला कर दिया।  इस दौरान पुलिस के साथ अमृतपाल सिंह के समर्थकों के साथ झड़प भी हुई। इसमें एक डीएसपी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुआ यह बवाल शाम छह बजे तक चला।

खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते

‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते।अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी और हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी या अमित शाह हों या भगवंत मान। मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। बता दें कि अमृतसर पुलिस ने अभी तक यह साफ नहीं किया कि गुरुवार को हुई हिंसा को लेकर अमृतपाल सिंह या उनके समर्थकों के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया है या नहीं।

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