उत्तराखण्ड

भारत की पहली महिला राज्यपाल स्वर्गीय सरोजिनी नायडू की जयंती पर नमन : भावना पांडे

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत की पहली महिला राज्यपाल स्वर्गीय सरोजिनी नायडू की जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया।

इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी भावना पांडे ने कहा- ‘‘भारत कोकिला के नाम से विख्यात सुप्रसिद्ध कवयित्री, प्रथम महिला राज्यपाल और अग्रणीय स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय सरोजिनी नायडू जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।’’

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बेहद अहम योगदान देने वाली सरोजनी नायडू विचारों से एक कवयित्री थीं। सरोजनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई के साथ ही औरत की आजादी लड़ाई भी पुरजोर तरीके से लड़ी। सरोजिनी जी बच्चों के उपर विशेष रूप से कविता लिखा करती थी, उनकी हर कविता में एक चुलबुलापन होता था, ऐसा लगता था उनके अंदर का बच्चा अभी भी जीवित है। यही वजह है कि उन्हें ‘भारत की कोकिला’ कहा जाता था।

वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने कहा सरोजनी नायडू ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही 1300 पदों की ‘झील की रानी’ नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ का उदाहरण दिया था।

उन्होंने कहा सरोजिनी नायडू गांधीजी से सन 1914 में लंदन में मिली। इसके बाद उनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव हुआ और वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ीं। आजादी की लड़ाई में तो उनका अहम योगदान था ही साथ ही भारतीय समाज में जातिवाद और लिंग.भेद को मिटाने के लिए भी उन्होंने कई कार्य किए। श्रीमती नायडू के विचार और मूल्य हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button