शिवराज पाटिल के निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल का शुक्रवार को निधन हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे 91 वर्षीय पाटिल का लातूर के एक अस्पताल में उपचार चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
लंबा राजनीतिक सफर, कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे काबिज
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं।
वह लोकसभा के स्पीकर रह चुके थे।
केंद्र की कैबिनेट में कई अहम मंत्रालयों का प्रभार संभाला।
लातूर लोकसभा सीट से सात बार चुनाव जीतकर संसद पहुँचे, जो उनके जनाधार का बड़ा प्रमाण माना जाता है।
1980 में पहली बार पहुंचे संसद
शिवराज पाटिल ने 1980 में पहली बार लोकसभा में प्रवेश किया और इसके बाद 2004 तक सात बार सांसद चुने गए।
उन्होंने 1980-1990 के दशक में संसद की सैलरी और अलाउंस पर बनी जॉइंट कमिटी में सक्रिय भूमिका निभाई और बाद में इस समिति के अध्यक्ष भी बने।
इसके साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रक्षा राज्य मंत्री भी रहे थे।
देश के गृह मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण कार्यकाल
यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2008 तक पाटिल ने भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।
26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने 30 नवंबर 2008 को पद से इस्तीफा दे दिया था।